फीचर डेस्क। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना की जाती है, जिनकी विदाई अनंत चतुर्दशी के दिन होती है। इस साल गणेश विसर्जन 19 सितंबर को है। इस दिन धूमधाम से भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को जल में प्रवाहित करते हैं। गणेश जन्मोत्सव पूरे 10 दिन तक मनाया जाता है।
श्री गणेश की प्रतिमा को विसर्जित करने से पहले उसका विधि-विधान से पूजन करें। इसके बाद मोदक और फल का भोग लगाएं। अब गणपति की आरती उतारें और विदाई लेने की प्रार्थना करें। अब एक लकड़ी के पटरे पर लाल वस्त्र बिछाएं। इसमें गंगाजल छिडक़कर गणेश जी को रखें। इसके साथ ही इसमें फल, फूल, मोदक और कपड़े रखें। फिर चावल, गेहूं और पंचमेवा की पोटली तैयार करें और इसमें कुछ सिक्के डालें। इस पोटली को गणेश जी के पास रखें। इसके बाद बप्पा का विसर्जन के लिए ले जाएं। विसर्जन से पहले भगवान गणेश की एक बार फिर आरती उतारें और अगले वर्ष जल्दी आने की कामना करें। भगवान श्रीगणेश से अपनी मनोकामना और परिवार की खुशहाली का अनुरोध करें। अब बहते हुए जल में बप्पा को विसर्जित कर दें।
आज विदा होंगे बप्पा: गणेश चतुर्थी आज
